600 से अधिक डॉक्टरों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पत्र लिख कर चेतावनी दी है कि कोरोना के संक्रमण को रकने के लिए लगाये गए लॉक डाउन को जल्दी न खोले का भयंकर दुस्परिणाम देश को झेलना पड़ सकता है। डॉक्टरों ने पत्र में ये भी लिखा है कि लॉक डाउन एक बड़ी तबाही ला सकता है और इसका सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर ही पड़ने की संभावना है।
डॉक्टरों का कहना है कि अमेरिका में लॉक डाउन के तहत उठाए गए उपायों से लाखों लोगों की जान जा सकती है। लोग बेघर हो सकते हैं। शराब, मादक द्रव्यों के सेवन और आत्महत्या की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
कोरोना वायरस को सीसीपी (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) वायरस बताते हुए डॉक्टरों का मानना है कि इस संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों से कैंसर और दिल मरीजों का इलाज के बिना जान जाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
लॉस एंजिल्स के आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सिमोन गोल्ड, जिनके नेतृत्व में डॉक्टरों ने ये पत्र लिखा है, का कहना है कि “हमें इस बात की चिंता है कि हमारे रोगियों की सेहत की चिंता किसी को नहीं है। कई बीमारियोंकी रिपोर्टिंग कम हो रही है, जिस वज़ह से उनके इलाज की संभावनाएं भी कम हो गई हैं।
Is a lock-down legal? pic.twitter.com/0oq90qsWuX
— Dr. Simone Gold (@drsimonegold) April 23, 2020
डॉक्टरों ने अपने पत्र में लिखा है कि लॉकडाउन उपायों को देश भर में लागू करने के बाद सुसाइड हॉटलाइन पर फोन करने वालों की संख्या में 600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, शराब की बिक्री में 300 से 600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि सिगरेट की बिक्री में भी वृद्धि देखी गई है।
लोग किराये का भुगतान समय पर नहीं कर पा रहे हैं, पारिवारिक रिश्ते खराब हो रहे हैं, बच्चों का नियमित चेकअप नहीं हो पा रहा है।
पत्र में कहा गया है कि इस लॉक डाउन का दूरगामी, तात्कालिक और कम समय में स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसे पत्र में बयान करना मुश्किल है।
राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में कई रोगियों के विवरण और महामारी के दौरान डॉक्टरों को उनके इलाज में होने वाले अनुभव शामिल हैं।
डॉक्टरों का यह पत्र अमेरिका में संक्रामक रोगों के प्रमुख विशेषज्ञ डॉक्टर एंथोनी फौसी द्वारा कोरोना वायरस को लेकर दी गई चेतावनी के एक सप्ता बाद आया है। एक बार फिर चेतावानी दी है। डॉक्टर एंथोनी फौसी ने कहा था कि यदि शहर और राज्य कब और कैसे लॉकडाउन खोलना है, इससे जुड़े सरकार के सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं।