कोरोना संकट के बीच चार बातें जो बताती है इस रात की सुबह है

कोरोना वायरस से लड़ती दुनिया का बड़ा तबका हताश है। निराश है। दूर तलतक नाउम्मीदी सी दिख रही है। कहा जाता रहा है कि इस निराशा में डिप्रेशन के मामले भी बढ़ रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि इन दिनों सब कुछ गलत ही हो रहा है। कुछ ऐसी चीजें हैं जो उम्मीद भी जगाती है। आने वाले बेहतर दिनों की कुछ झलकियां भी दिखाती है। बताती है कि इस रात की सुबह भी होगी, और वह बेहतर हाेगी।

1- 2 लाख से ऊपर मरीज ठीक भी हुए

अगर आप हर दिन नए मरीजों की संख्या आते हुए देखकर डरते हैं तो उसमें इस बीमारी से ठीक होने वाले मरीजों की तादाद भी देखें। अब तक लगभग 3 लाख से अधिक मरीज इस बीमारी से निकलर सामने भी आ चुके हैं। अभी तक आए मेडिकल ट्रेंड के अनुसार अस्सी फीसदी से अधिक मरीजों को वेटिलेंटर की भी जरूरत होती है तो कई मामलों में बहत ही मामूली दवा से भी इसे ठीक कर दिया जा रहा है। बीमारी से मरने वालों की तादाद औसतन चार फीसदी के करीब है। मतलब 100 में 96 मरीजों को जिंदगी मिल रही है।

कम्नुनटी कनेक्ट की वापसी

विपदा के इस समय में पूरे विश्व में कम्नुनिटी कनेक्ट की वापसी हुई है। एक अनुमान के अनुसार 60 फीसदी आबादी घरों में बंद है। वहीं घराें से वे अपने अगल-बगल के लोगों से कनेक्ट कर रहे हैं। संवाद कर रहे हैं। होप वल्र्ड एजेंसी की एक सर्वे के अनुसार इस लॉक डाउन में बद होने के बाद बीस फीसदी आबादी अपने अासपास के लोगों के बारे में जाने रहे है। उनसे जुड़ रहे हैं। इस कम्नुयिटी कनेक्ट का आने वाले समय में बेहतर असर समाज पर दिख सकता है।

प्रकृति ने पायी अपनी खूबसूरती

दिल्ली से लेकर पंजाब और वेनिस से लेकर बीजिंग तक की ऐसी तस्वीरें सामन आ रही है जिससे पता चलता है कि बीमारी की विभीषिका के बीच प्रकृति आने वाले समय में लोगों को हीलिंग टच देने के लिए खुद को तैयार कर रही है। कई जगहों की तस्वीर बता रही है कि आसमान कभी ऐसे नीले न थे और हवाएं इतनी स्वच्छ नहीं थीं। कई शहरों में पिछले चालीस सालों के मुकाबले सबसे कम प्रदूषण है। प्रदूषण का कम होना सीधे हमारी-आपकी सेहत से भी जुड़ा मामला है। याद रखें, प्रदूषण हाल के समय में लोगों की जान लेने का सबसे बड़ा कारण बनी है।

सड़क पर मौत नहीं दौड़ रही

देश में हर दिन 413 लोगों की मौत सड़क हादसे से होती है। पूरे विश्व में हर सेकेंड एक की मौत रोड एक्सीडेंट में होती है। लेकिन लॉकडाउन होने के बाद इसमें नब्बे फीसदी का आंकड़ा कम हुआ है। सिर्फ दिल्ली की बात करें तो सड़क हादसे में 97 फीसदी की कमी हो गयी है। नब्बे फीसदी अपराध के आंकड़े कम हो गये हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि लॉक डाउन के बाद जब लोग दोबारा सड़क पर निकलेंगे तो इस बात का ध्यान रखेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×