कोरोना संकट और 4 सवाल, फिर क्या होगा उसके बाद?

2020 में सामने आया कोरोना संकट पिछले सौ सालों के सबसे बड़ी विपदा के रूप में देखी जा रही है। कहा जा रहा है कि भले बीमारी का प्रभाव कम हो जाए या आने वाले दिनों में यह समाप्त हो जाए लेकिन इसका प्रभाव आम जिंदगी में सालों तक ताउम्र देखा जा सकता है। कोरोना के बाद किस तरह के बदलाव स्थायी रह जाएंगे या यह प्रभाव अस्थायी रहेगा,इसपर अभी से लोगों के बीच इसके जवाब तलाशने की बेचैनी सामने आने लगी है।

1-क्या सोशल डिस्टेंसिंग जिंदगी का हिस्सा बनेगा?
कोरोना वायरस से लड़ाई में सोशल डिस्टेंसिंग शब्द सबसे कॉमन शब्द बन कर उभरा है। अब लोग जानना चाह रहे हैं कि क्या यह आम जिंदगी का स्थायी हिस्सा बन जाएगा? क्या इसके साथ लोगों को जीने की आदत डालनी होगी? क्या दूरी नया साेशल नार्मस हो जाएगा? अभी इसके बारे में डॉक्टर या एक्सपर्ट कुछ नहीं बता पा रहे हैं। आम राय यह सामने आ रही है कि जब तब कोरोना से लड़ने के लिए टीका सामने नहीं आत है तब दूरियां समाज का हिस्सा बनकर रहेगा।

2- क्या मास्क बन जाएगा जिंदगी का स्थायी हिस्सा?
चेहरे को ढकने वाला मास्क भी कोरोना काल में जिंदगी का हिस्सा बन गया है। भारत सहित कई देशों में तो कानूनी रूप से इसे पहनना अनिवार्य कर दिया है। संक्रमण से बचने के लिए इसे कारगर हथियार माना जा रहा है। बाजार में कई तरह के मास्क भी सामने आ गये हैं। डॉक्टरों के अनुसार भले कोरोना संकट चला जाए लेकिन आने वाले समय में मास्क आम जिंदगी का हिस्सा बन सकता है। यह सिर्फ कोरोना से नहीं बचाता है। प्रदूषण के समय भी यह दुषित हवाओं के सेवन से रोकता है। कुल मिलाकर मास्क लगाने की आदत आम लोगों की जिंदगी में शुमार हो सकती है।

3- क्या कोरोना वायरस मरेगा?
कोरोना वायरस का प्रभाव किस तरह कम होगा? कैसे इसका संकट टलेगा? क्या इसका वायरस मर जाएगा? इस तरह के कई सवाल लोगों के मन में है। इस मामले में डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना वायरस जब एक बार आ गया तो पूरी तरह मरेगा नहीं। ऐसे में काेरोना को नियंत्रित ही किया जा सकेगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि साल के अंत तक कोराेना से बचाव का टीका भी आ जाएगा जिसके बाद बड़ी राहत मिल सकती है।

4- क्या खान-पान की आदत भी बदलेगी?
कोरोना वायरस के दौरान खान-पान खासकर चीनी शैली पर बहुत बात हुई। नन-भेज खाने को लेकर भी सवाल उठे। हालांकि इस रोग से जुड़े तमाम एक्सपर्टों ने अब तक खान-पान को कोरोना से जोड़ने की बात को खारिज किया लेकिन जिस तरह से पूरे विश्व में इस ममाले पर बहस शुरू हुई है उसके बाद यह देखना होगा कि क्या इसका असर कोरोना संकट के बाद भी बना रहता है या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×