एक मां ने बुलिंग से तंग अपने बच्चे की मौत की दुआ मांगती वीडियो बनायी और पूरा विश्व रो उठा

  • बुलिंग के खिलाफ पूरे विश्व में आवाज उठी, कई सेलेब्रटीज ने भी सपोर्ट किया
  • विशेषज्ञों ने कहा, संवेदनशील मामला को ठीक से समझने की जरूरत

आस्ट्रेलिया से आयी एक वीडियो ने पूरे विश्व में कमजोर बच्चों के स्कूलों में होने वाली बुलिंग और उसका उसपर होने वाले मानसिक असर पर एक बार फिर बहस छिड़ गयी है। जहां इस बच्चे के सपोर्ट में विश्व के कई बड़े सेलेब्रटीज आ गये हैं वहीं दूसरी ओ इसके लिए सख्त कानून और जागरूकता शुरू होने की जरूरत महसूस होने लगी है।

क्या है मामला

सबेन की यारका बेयल्स ने अपने नौ वर्षीय बेटे क्वाडेन बेयल्स का एक वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया। दिल दहला देने वाले वीडियो में, क्वाडेन को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि कैसे उसके बेटे को बिना वजह स्कूल में उसके दोस्तों ने सताया.

ऑनलाइन पोस्ट किए जाने के बाद से वीडियो को 4.6 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है। वीडियो में उस लड़के की माँ कि कैसे न्हें हर ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है, और यह न केवल उसके बेटे को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि एक परिवार के रूप में भी उन्हें नुकसान पहुंचाता है।

क्वाडेन बेयल्स Achondroplasia से पीड़ित है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चे बौनापन का शिकार हो जाते हैं।

यारका वीडियो में कहते सुनाई दे रही हैं, “इससे कोई बच नहीं सकता, यह हमारी वास्तविकता है।”

“इससे निपटने की आवश्यकता है. जी हाँ, आप सही सुन रहे हैं। मेरे बच्चे के साथ हर बार ऐसा हो रहा है, मैं ये वीडियो लाइव कर रही हूँ ताकि लोगों को पता चले। इसलिए उम्मीद है कि हम कुछ बदलाव करें, ताकि यह दूसरे परिवार के साथ न हो।”

बहुत बुरी है तस्वीर

पिछले दिनों एशियन जरनल ऑफ साइकायट्री की रिसर्च में दिल्ली के 17 फीसदी स्कूली बच्चे साइबर बुलिंग का शिकार पाए गए थे। यूनिसेफ ने इस खतरे को भांपते हुए ‘चाइल्ड ऑनलाइन प्रोटेक्शन इन इंडिया’ के नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित में इसका जिक्र किया था। मशहूा मनोचिकित्सक समीर पारेख ने हेल्थवायर को कहा कि स्टूडेंट पर बुलिंग का बहुत ही प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्हाेंने कहा कि कई मामलाें में बच्चे इस बारे में बता भी नहीं पाते हैं और परेशानी बढ़ती जाती है। उन्होंने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि स्कूलों को इसके लिए बहुत संजीदा होना चाहिए।

सामान्य तो नहीं हो रही यह आसामान्य चीज?

हमारे समाज में बुलिंग की लगातार बढ़ती घटना चिंताजनक ट्रेंड है। खेल के मैदान से स्कूलों तक इस तरह की बुलिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। बुलिंग दो प्रकार की होती है। शारीरिक और मानसिक। शारीरिक बुलिंग में बच्चे के साथ मारपीट या उनके कमजोर शरीर का गलत लाभ उठाकर उसे कष्ट दिया जाता है तो मानसित तौर पर बच्चे को उसके रंग, भाषा या अलग आकृति के कारण चिढ़ाया और सताया जाता है। इसका शिकार बच्चा तन्हा होने लगा है। इसे रोकने के लिए हाल के समय में कई कानून बनाए गए हैं, लेकिन अब तक की तमाम कोशिश विफल रही है।

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